बारिश के बाद सभी किसान बढ़ाएं अपने गन्ने का उत्पादन इन तीन बातों का रखें विशेष ध्यान

Uttar Pradesh Sugarcane Slip Calendar 2023 किसानों की फसल बारिश से गन्ने की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए अपनाएं ये तीन उपाय भारी बारिश के कारण देश के कई इलाकों में गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है गन्ने की खेती के लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है लेकिन अधिक वर्षा या जल जमाव की स्थिति में गन्ने का उत्पादन कम होता है गन्ने में लाल सड़न रोग एवं अन्य प्रकार के रोग लगते हैं हालांकि अगर किसान कुछ टिप्स अपनाएं और इस पोस्ट में बताई गई तीन बातों का ध्यान रखें तो न सिर्फ गन्ने की फसल का नुकसान कम होगा बल्कि किसानों का गन्ना उत्पादन भी बहुत बढ़ेगा।

बारिश के बाद गन्ने को होने वाले नुकसान से कैसे बचें

भारी बारिश या जलभराव से गन्ने की फसल को काफी नुकसान होता है. जल जमाव के कारण अक्सर गन्ने में लाल सड़न रोग उत्पन्न हो जाता है और इससे गन्ने की फसल को काफी नुकसान होता है। इसके लिए जरूरी है कि गन्ने के खेत में मेड़ इस प्रकार बनाई जाए कि खेत में जल जमाव की स्थिति न हो और यदि भारी बारिश हो तो किसान पंप लगाकर पानी निकाल सके मेड़ पर मिट्टी का ढेर लगाकर रास्ता बनाकर भी पानी को खेत से बाहर निकाला जा सकता है। मेड़ पर मिट्टी डालने से गन्ना मजबूत होगा और पानी भी खेत से बाहर निकल जायेगा। इस तरह गन्ने की फसल को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा

किसान अपने गन्ने की फसल का उत्पादन बढ़ाएं कैसे

गन्ने की फसल के लिए हल्की एवं मध्यम वर्षा गन्ने के लिए लाभदायक है। कहीं भी जल जमाव नहीं होना चाहिए बारिश के तुरंत बाद गन्ने की जड़ों में यूरिया डालने से उत्पादन में काफी वृद्धि होती है। आपको बता दें कि भारत में गन्ने की सबसे ज्यादा खेती और उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है जिसके बाद बिहार फिर हरियाणा और पंजाब राज्यों में गन्ने का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण गन्ना किसानों के लिए गन्ने की उचित देखभाल करना जरूरी है ताकि नुकसान को कम किया जा सके।

अपनी गन्ने की फसल को किसान तूफ़ान से कैसे बचाएं

कभी-कभी भारी बारिश के साथ तूफान भी आते हैं। जिससे गन्ने की फसल को भारी नुकसान हो सकता है भारी बारिश और तूफान के बाद गन्ने की फसल खराब हो सकती है इसके लिए किसानों को गन्ने की फसल में से कुछ गन्नों को एक साथ बांध लेना चाहिए इससे गन्ना एकजुट रहेगा और तूफान के दौरान भी गन्ना जमीन पर नहीं गिरेगा। गन्ने की जड़ों में पर्याप्त मात्रा में मिट्टी लगाएं ऐसे में आंधी या तेज हवा से गन्ने की फसल को काफी फायदा होगा

गन्ने की फसल के नुकसान पर मुआवजा मिल रहा है

किसानों को गन्ने की फसल के नुकसान को देखते हुए किसानों ने अपनी फसल पर मुआवजे की भी मांग की है गन्ने की फसल को हो रहे नुकसान के चलते देश की कई राज्य सरकारों ने किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है भारी बारिश और बाढ़ के कारण देश के कई किसानों के खेतों में गन्ने की 75 फीसदी तक फसल खराब हो गई है

गन्ने की खेती करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है

  • बाजरे की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. जल निकास की दृष्टि से यह मिट्टी बहुत अच्छी है। यदि जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो तो चिकनी मिट्टी में भी गन्ने की खेती की जा सकती है।
  • वातावरण शुष्क होने पर गन्ना बोया जाता है। गन्ने की खेती के लिए 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त होता है
  • खेत की तैयारी की बात करें तो सबसे पहले मिट्टी को देशी हल या कल्टीवेटर की सहायता से तोड़ना जरूरी है 2 से 3 जुताई करना आवश्यक है साथ ही एक हेक्टेयर खेत में 200 से 250 क्विंटल सड़ा हुआ गोबर खेत में मिला देना चाहिए

यूपी गन्ना चीनी मील और उनकी वेबसाइट 

जनपद का नाम 
चीनी मिल नाम 
आधिकारिक वेबसाइट
सहारनपुर
देवबन्द
www.kisaan.net/
सरसावा (सहकारी)
www.upsugarfed.org
ननौता (सहकारी)
www.upsugarfed.org
गागनौली
www.bhlcane.com
शेरमऊ
www.kisaan.net
मुजफ्फरनगर
मन्सूरपुर
www.krishakmitra.com
खतौली
www.kisaan.net/
रोहाना
www.kisaan.net
मोरना (सहकारी)
www.upsugarfed.org
तितावी
www.kisaan.net
टिकौला
www.kisaan.net
बुढाना
www.bhlcane.com
खाईखेडी
www.kisaan.net
शामली
ऊन
www.kisaan.net
थानाभवन
www.bhlcane.com
शामली
www.kisaan.net
मेरठ
सकौती
www.kisaan.net
दौराला
www.kisaan.net
मवाना
www.kisaan.net
किनौनी
www.bhlcane.com
नगलामल
www.kisaan.net
बागपत
रमाला (सहकारी)
www.upsugarfed.org
मलकपुर
www.kisaan.net
गाज़ियाबाद
मोदीनगर
www.kisaan.net
हापुड़
सिम्भावली
www.kisaan.net
ब्रजनाथपुर
www.kisaan.net
बुलन्दशहर
अनूपशहर (सहकारी)
www.upsugarfed.org
अगौता
www.kisaan.net
साबितगढ
www.kisaan.net
बिजनौर
धामपुर
www.krishakmitra.com
स्योहारा
www.kisaan.net
बिजनौर
www.wavesuger.com
चान्दपुर
www.pbsfoods.in
स्नेहरोड (सहकारी)
www.upsugarfed.org
बहादुरपुर
www.kisaansoochna.dwarikesh.com
बरकतपुर
www.kisaan.net
बुन्दकी
www.kisaansoochna.dwarikesh.com
बिलाई
www.bhlcane.com
अमरोहा
चंदनपुर
www.kisaan.net
धनुरा
www.wavecane.in
गजरौला (सहकारी)
www.upsugarfed.org
मुरादाबाद
रानीनागल
www.kisaan.net
बिलारी
www.shreeajudhiasugar.com/
अगवानपुर
www.dewansugarsindia.com
बेलवाडा
www.kisaan.net
संभल
असमौली
www.krishakmitra.com
रजपुरा
www.krishakmitra.com
रामपुर
बिलासपुर
www.upsugarfed.org
मि.नरायनपुर
www.kisaan.net
करीमगंज
www.kisaan.net
पीलीभीत
पीलीभीत
www.lhsugar.in
बीसलपुर (सहकारी)
www.upsugarfed.org
पूरनपुर (सहकारी)
www.upsugarfed.org
बरखेडा
www.bhlcane.com
बरेली
बहेडी
www.kisaan.net
सेमिखेरा (सहकारी)
www.upsugarfed.org
मीरगंज
www.krishakmitra.com
नवाबगंज
www.oswalsugar.com
फ़रीदपुर
www.kisaansoochna.dwarikesh.com
बदायूँ
बिसौली
www.kisaan.org
बदायूँ (सहकारी)
www.upsugarfed.org
कासगंज
न्योली
www.kisaan.org
शाहजहाँपुर
रोज़ा
www.kisaan.net/
तिहार (सहकारी)
www.upsugarfed.org
निगोही
www.kisaan.net
मकसूदापुर
www.bhlcane.com
पुवायां (सहकारी)
http://www.upsugarfed.org/
हरदोई
रूपापुर
www.dsclsugar.com
हरियावा
www.dsclsugar.com
लोनी
www.dsclsugar.com
लखीमपुर
गोला
www.bhlcane.com
ऐरा
www.kisaan.net
पलिया
www.bhlcane.com
बेलराया (सहकारी)
www.upsugarfed.org
सम्पूर्नानगर (सहकारी)
www.upsugarfed.org
अजबापुर
www.dsclsugar.com
खम्भारखेडा
www.bhlcane.com
कुम्भी
www.bcmlcane.com
गुलरिया
www.bcmlcane.com
सीतापुर
हरगाँव
www.kisaan.net
बिसवाँ
www.gannakrishak.in
महमूदाबाद (सहकारी)
www.upsugarfed.org
रामगढ
www.kisaan.net
जवाहरपुर
www.kisaan.net
फर्रुखाबाद
करीमगंज
www.upsugarfed.org
बाराबंकी
हैदरगढ
www.bcmlcane.in/kisaan-suvidha
फैज़ाबाद
रोजागांव
www.bcmlcane.in/kisaan-suvidha
मोतीनगर
www.kisaan.net
अम्बेडकरनगर
मिझोडा
www.bcmlcane.in/kisaan-suvidha
सुल्तानपुर (सहकारी)
सुल्तानपुर
www.upsugarfed.org
गोण्डा
दतौली
www.bcmlcane.in
कुन्दरखी
www.bhlcane.in
मैजापुर
www.bcmlcane.in
बहराइच
जरवलरोड
www.kisaan.net
नानपारा (सहकारी)
www.upsugarfed.org
चिलवरिया
www.kisaan.net
परसेंडी
www.parlesugar.com
बलरामपुर
बलरामपुर
______
तुलसीपुर
www.bcml.in
इटईमैदा
www.bhlcane.in
बस्ती
बभनान
www.bcmlcane.in
वाल्टरगंज
www.bhlcane.com
रुधौली
www.bhlcane.com
महाराजगंज
सिसवाबाज़ार
www.kisaan.net
गडोरा
www.jhvsugar.in/
देवरिया
प्रतापपुर
www.bhlcane.com
कुशीनगर
हाटा
www.kisaan.net
कप्तानगंज
www.kisaan.net
खड्डा
www.kisaan.net
रामकोला (पी.)
www.kisaan.net
सेवरही
www.kisaan.net
मऊ
घोसी
www.upsugarfed.org
आजमगढ़
सठिओं (सहकारी)
www.upsugarfed.org

सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला

गन्ने में लाल सड़न रोग गन्ना उत्तर प्रदेश की प्रमुख नकदी फसल है। राज्य के किसान गन्ने की फसल से भी अच्छी आय अर्जित करते हैं। गन्ने का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को गन्ने की खेती से बेहतर मुनाफा दिलाने के लिए कृषि विशेषज्ञ उन्नत किस्म के बीजों के साथ आधुनिक तकनीक से गन्ने की खेती करने का सुझाव देते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग से भारी नुकसान हो रहा है

इसे देखते हुए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के गन्ना विकास विभाग और उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर ने गहन अध्ययन के बाद किसानों को भविष्य में अपनी गन्ने की फसल को इस बीमारी से बचाने के लिए सुझाव दिए हैं किसानों को गन्ने की फसल में सड़न रोग से बचाने के लिए राज्य प्रशासन ने गन्ने की कुछ किस्मों की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया है आइए नीचे जानते हैं कि गन्ने की किन किस्मों पर प्रतिबंध लगाया गया है। भविष्य में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग से बचने के लिए कुछ सुझाव क्या हैं

समस्याओं के समाधान पर विचार

12 सितम्बर 2023 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी। जिसमें गन्ने की किस्मों के बढ़ते असंतुलन गन्ने की खेती की बढ़ती लागत, मिट्टी की उर्वरता कीट रोग आदि प्रमुख समस्याओं के समाधान पर विचार किया गया। इस बात पर विचार किया गया कि इन प्रमुख समस्याओं का समाधान करके गन्ने की औसत पैदावार कैसे बढ़ाई जाए ताकि गन्ना किसानों को गन्ने की फसल से अधिकतम लाभ मिल सके। इसमें गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तर प्रदेश प्रभु एन. सिंह की अध्यक्षता में राज्य की औसत गन्ना उपज बढ़ाने और गन्ना किस्मों को संतुलित करने के लिए विकास कार्यक्रम शुरू करने पर विचार किया गया। इसमें गन्ना किसानों ने गन्ने की औसत पैदावार बढ़ाने और गन्ने की खेती से बेहतर मुनाफा कमाने के संबंध में सुझाव दिए।

गन्ने की इन किस्मों की खेती पर लगी रोक

बैठक में लाल सड़न रोग से गन्ने की फसल को होने वाले नुकसान को रोकने और लाल सड़न रोग जो इस समय गन्ना किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है से छुटकारा पाने के लिए गन्ने की 11015 सीओपीबी 95 किस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है गन्ने की इन किस्मों की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये किस्में लाल सड़न रोग से प्रभावित होती हैं। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव पर इन किस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है किसानों को सलाह दी गई है कि वे राज्य में गन्ने की इन किस्मों की बुआई न करें इन किस्मों की अनाधिकृत खेती करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. किसी भी विदेशी गन्ने की प्रजाति को बढ़ावा न देने के निर्देश दिए गए हैं नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं

चीनी और गन्ना उत्पादन की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है

बैठक में कृषि विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के गन्ना विकास विभाग एवं उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद शाहजहाँपुर द्वारा गहन अध्ययन के बाद पाया गया कि गन्ने की 11015 सीओपीबी 95 प्रजातियाँ लाल सड़न रोग फैलाती हैं राज्य में लाल सड़न रोग का मुख्य प्रभेद सी.एफ है 13 जिससे प्रदेश में 0238 गन्ना प्रजाति को भारी नुकसान हो रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्रदेश अभी भी गन्ना प्रजाति सीओ-11015 से पूरी तरह मुक्त नहीं है। यदि इन गन्ने की किस्मों की खेती राज्य में की जा रही है तो 0238 गन्ना किस्म के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। बैठक में वैज्ञानिकों को बताया गया कि गन्ने में लाल सड़न रोग तेजी से फैल सकता है, जिससे राज्य में चीनी एवं गन्ना उत्पादन की स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

 

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